Complaint मोड़ा पहाड़ झुंझुनूं वायु प्रदूषण

  • Rajasthan Patrika Contact Number in Jaipur - मोड़ा पहाड़ झुंझुनूं वायु प्रदूषण
    राजेश काजला on 2018-06-14 22:45:32

    सेवामें,
    श्रीमान् प्रधानमंत्री महोदय,
    भारत सरकार, दिल्ली।
    विषय :- झुंझुनूं नगर परिषद स्थित मोड़ा पहाड़ में नियम विरूद्ध संचालित स्टोन क्रेसरो से होने वाले प्रदूषण के कारण क्रेसर ईकाइयों को हटाने के संदर्भ में।
    महोदय,
    निवेदन है कि मोड़ा पहाड़ क्षेत्र में नियम विरूद्ध संचालित स्टोन क्रेषरो से होने वाले प्रदूषण के कारण इन क्रेषरो ईकाइयों को निम्न कारणों से हटाया जाना न्यायोचित व जनहित में होगा।
    1. मोड़ा पहाड़ क्षेत्र में लगभग 36 से अधिक स्टोन क्रेषर व 15 से अधिक डामर प्लांट संचालित है जो पर्यावरण के नियमो को दरकिनार कर चलायी जाती है। स्टोन क्रेषर ईकाइयो से निकलने वाली पत्थर की रफ्फी आसपास के क्षेत्र को प्रदूषित करती है।
    2. राजस्थान प्रदुषण बोर्ड की गाईड लाइन के अनुसार क्रेषर ईकाइयों से निकलने वाली पत्थर की रफ्फी निस्तारण के लिए क्रेषर में पानी फववारा लगाया जाना आवष्यक है। लेकिन एक भी क्रेषर में इसका उपयोग नही किया जाता है।
    3. राजस्थान प्रदुषण बोर्ड की गाईड लाइन के अनुसार क्रेषर ईकाइयों स्थापित करने के लिए पर्यावरण मापदण्डो के अनुसार 1.5 किलोमीटर तक आबादी क्षेत्र नही होना चाहिए जबकि मोड़ा पहाड़ क्षेत्र में क्रेषर ईकाइयों के 0 पोईन्ट पर आबादी क्षेत्र है।
    4. राजस्थान प्रदुषण बोर्ड की गाईड लाइन के अनुसार क्रेषर ईकाइयों स्थापित करने के लिए पर्यावरण मापदण्डो के अनुसार 500 मीटर की दूरी तक नेषनल व स्टेट हाइवे नही होना चाहिए तथा 100 मीटर की परिधी में अन्य कोई सड़क नही होनी चाहिए। जबकि मुख्यमंत्री महोदया की घोषणा अनुरूप मोड़ा पहाड़ के 50 मीटर की दूरी पर फतेहपुर-रेवाड़ी नेषनल हाइवे बनना प्रस्तावित है तथा हमीरी, गोपालपुरा जाने वाली मुख्य सड़क पर क्रेषर ईकाइया स्थापित है।
    5. राजस्थान प्रदुषण बोर्ड की गाईड लाइन के अनुसार क्रेषर ईकाइयों स्थापित करने के लिए पर्यावरण मापदण्डो के अनुसार 500 मीटर की परिधी में कोई षिक्षण संस्थान नही होना चाहिए। जबकि क्रेषर ईकाइयों से 0 पोईन्ट पर राजकीय प्राथमिक विद्यालय संचालित है।
    6. राजस्थान प्रदुषण बोर्ड की गाईड लाइन के अनुसार क्रेषर ईकाइयों स्थापित करने के लिए पर्यावरण मापदण्डो के अनुसार 500 मीटर की परिधी में कोई धार्मिक स्थल नही होना चाहिए जबकि क्रेषर ईकाइयों से 0 पोईन्ट पर ओलिया महाराजजी का प्रसिद्ध वर्षो पुराना आश्रम व प्रसिद्ध हनुमान व षिव मंदिर है। उनकी पूजा अर्चना की जाती है। दिनभर श्रदालुओं का आना-जाना लगा रहता है। क्रेषर ईकाइयों से निकलने वाली पत्थर की रफ्फी के कारण श्रदालुओं को परेषानी का सामना करना पड़ता है।
    7. राजस्थान प्रदुषण बोर्ड की गाईड लाइन के अनुसार क्रेषर ईकाइयों स्थापित करने के लिए पर्यावरण मापदण्डो के अनुसार 500 मीटर की पिरधी में कोई जल स्रोत नही होना चाहिए। जबकि क्रेषर ईकाइयों से 0 पोईन्ट पर प्रसिद्ध अजीत सागर तालाब है जो पोराणिक ऐतिहासिक धरोहर है।
    8. जिस मोड़ पहाड़ क्षेत्र में क्रेषर ईकाइया संचालित है वह क्षेत्र अरावली पर्वत श्रृखला की श्रेणी में आता है।
    9. राजस्थान प्रदुषण बोर्ड की गाईड लाइन के अनुसार जिस स्थान पर क्रेषर ईकाइयों स्थापित की जानी हो उस स्थान से 1500 मीटर की दूरी पर नोटिफाइड औद्योगिक क्षेत्र होना आवष्यक है। जबकि क्रेषर ईकाइया ओद्योगिक क्षेत्र में नही लगी है। मास्टर प्लान झुंझुनूं तहसील (2011-31) के अनुसार सीकर रोड़ पर आवंटित औद्योगिक क्षेत्र (रीको) को राज्य सरकार द्वारा औद्योगिक ईकाइयों की स्थापना के लिए 96 हैक्टर भूमि आवंटित कि गई थी। जिसमें 40 हैक्टर भूमि अभी भी खाली है। औद्योगिक क्षेत्र से क्रेषर ईकाइया 7 किलोमीटर दूर है। जबकि क्रेषर ईकाइया औद्योगिक क्षेत्र में 40 हैक्टर खाली पड़ी भूमि में होनी चाहिए। अतः इन ईकाइयों को नोटिफाइड औद्योगिक क्षेत्र में स्थानान्तरित किया जाना जनहित में है।
    मास्टर प्लान झुंझुनूं राजस्थान (2011-31) में मोड़ा पहाड़ में खनन कार्य व क्रेषर ईकाइयों से होने वाले पर्यावरण प्रदूषण के कारण खनन कार्य को बन्द कर क्रेषर ईकाइयो को स्थानान्तरित किया जाना प्रस्तावित है जिसकी प्रति संलग्न है।
    10. मोड़ा पहाड़ क्षेत्र में क्रेषर ईकाइयों के चारो ओर सैकड़ो वर्षो से विभिन्न समुदायों एवंम जातियां के लोग रहते है जिसमें अधिकतर गरीब व मजदूर तथा किसान है। अर्थात यह आबादी क्षेत्र है।
    11. इस क्षेत्र में स्टोन क्रेषरों से निकलने वाली पत्थर की रफ्फी के कारण आसपास घरों में टी.बी., केंसर, सिलिकोसिस जैसी बीमारिया फेल रही है। इसके आसपास रहने वाले गरीब लोगों का जीवन संकट में है।
    12. मोड़ा पहाड़ क्षेत्र में गरीब किसानों की कृषि भूमि है और वही उनकी आजीविका का साधन क्रेषरों से निकलने वाली पत्थर की रफी से किसानों की जमीने बंजर हो रही है जिससे उनकी आय का स्त्रोत बंद होने के कगार पर है इस कारण बहुत से किसानों ने खेती करना बंद कर दिया है जो कृषि उत्पादन को प्रभावित करती है।
    क्रेषरों से निकलने वाली पत्थर की रफ्फी से प्राकृतिक वन सम्पदा व पषुधन को भारी नुकसान हो रहा है।
    13. श्रीमान् जी हमिरी, गोपालपुरा आदि कई गांवो का मुख्य रास्ता मोड़ा पहाड़ से होकर निकलता है। दिनभर लोगो का आनाजाना लगा रहता है लेकिन क्रेषरो की रफ्फी से परेषान होकर लोग रास्ता बदलने को मजबूर है और आम आवाम का जीना दूभर हो गया है।
    14. मोड़ा पहाड़ के 500 मीटर की परिधी में राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री जनसहभागिता आवास योजना के अन्तर्गत लगभग 2000 फलेटो का निर्माण किया गया है। जिसमें लगभग 10,000 लोगो के रहने की संभावना है। राज्य सरकार व गरिब लोगो के करोड़ो रूपये लगे है, लेकिन क्रेषर संचालक आसपास वातावरण को प्रदूषित करके इस योजना को फ्लॉप साबित करना चाहते है। जिससे उनको भविष्य में किसी प्रकार की कठिनाईयो का सामना नही करना पड़े।
    15. श्रीमान जी क्रेषर संचालकों की मनमानी के चलते लोग अपने घर व जमीने बेच कर दूसरी जगह पलायन करने को मजबूर है।
    एक तरफ राज्य सरकार मोड़ा पहाड़ रास्ते पर करोड़ो रूपये के बजट से सी.सी. सड़क का निर्माण करवा रही है लेकिन क्रेषर संचालको की हठधर्मिता के चलते हमीरी, गोपालपुरा गांवो के लोग रास्ता बदलकर गन्तव्य तक पहुंचते है।
    दूसरी तरफ क्रेषरो से निकलने वाली पत्थर की रफ्फी का प्रभाव ईष्वरपुरा, लालपुर, सोनासर, मण्ड्रेला जाने वाले रास्ते पर भी रहता है जिस कारण राहगिरो को बहुत परेषानी का सामना करना पड़ता है।
    एक तरफ राज्य सरकार घोषणा कर झुंझुनूं, मण्ड्रेला वर्तमान मार्ग को 7 मीटर बढ़ाकर आमजन के राहत देना चाहती है दूसरी तरफ क्रेषर संचालक प्रदूषण कर रास्ता बंद करना चाहते है।
    अतः श्रीमान् जी उपरोक्त बिन्दुओ को ध्यान में रखते हुए आमजन की रक्षार्थ, क्रेषर ईकाइयों को आबादी क्षेत्र से हटाया जाना न्यायोचित व जनहित में होगा। आपकी अति कृपा होगी।
    संलग्न प्रतिलिपि-
    मास्टर प्लान, झुंझुनूं तहसील राजस्थान (2011-31)।
    क्रेषर ईकाइयो स्थापित करने के लिए राजस्थान प्रदुषण नियन्त्रण बोर्ड की गाईड लाइन।
    प्रतिलिपि सूचनार्थ एवं आवष्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित-
    माननीय प्रधान मंत्री महोदय, भारत सरकार, दिल्ली।
    माननीय प्रिसिपल सक्रेटरी, भारत सरकार, दिल्ली।
    माननीय चेयर पर्सन नेषनल ग्रीन ट्रीब्यूनल (छळज्) दिल्ली।
    माननीय राज्यपाल महोदय राजस्थान, जयपुर।
    माननीय मुख्यमंत्री महोदया, राजस्थान सरकार, जयपुर।
    माननीय मुख्य सचिव राजस्थान सरकार, जयपुर।
    चेयरपर्सन, राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, जयपुर, राजस्थान।
    चेयरपर्सन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड रिजनल ऑफिस सीकर।
    जिला कलेक्टर महोदय, झुंझुनूं।
    प्रार्थी

    अध्यक्ष
    मोड़ा पहाड़ पर्यावरण संघर्ष समिति
    गांव/पोस्ट- हमीरी, जिला झुंझुनूं।