Complaint JHA

  • Nitish Kumar Bihar CM, Contact Number, Email Id & Office Address - JHA
    KRISHNA KUMAR JHA on 2020-04-20 19:49:45

    माननिये प्रधानमंत्री जी ,
    आपसे निबेदन है की जो देश में आरक्छन का प्रथा है उसे निकाल दीजिये ताकि पढ़े लिखे लोग पढ़ाई पर ध्यान देगा शायद आपको बास्तबिकता नहीं मालूम होगा आज स्कूल में या कोई सरकारी संसथान में न बोलने का न लिखने का और तो और ऐसा दीखता है जैसे की खेत जोतकर ये टीचर आया हो वो क्या बच्चे को संस्कार देगा आज से ४० / ४५ इयर्स पहले लोग टीचर देखकर और उनका संस्कार देखकर बच्चे खुद स्कूल समझहकर जाता था आज हीरो बनके निकलता है अगर लोग सरकारी स्कूल में बच्चे को पढ़ाता है तो संस्कार ख़राब अगर प्राइवेट में पढ़ता है तो पढ़ने बाले का भरपेट भोजन नहीं नसीब होगा ( मिडिल क्लास) के लोग ऐसा कानून है की जो दौरने बाले है उसे हाथ पैर बांध के दौरने को बोलता है क्या सचमे ये सही है है अगर जो आरक्छन श्रेणी में है उसे आप पैसा १०/२० हजार दीजिये मंथली लेकिन पढाई बाले बच्चे का गला मत घोटिये एक और सबाल जो सरकारी नौकरी में घर के नजदीक यानि १०० किलोमीटर में है उसके लिए ३०/३५ हजार काफी होता है उसी से काटकर गरीब में दीजिये और जो कोई प्राइवेट नौकरी में है उसे कमसे कम ३० हजार से ऊपर सैलरी होना चाहिए क्युकी दूसरे राज्य में हर दुःख तकलीफ सहन करना परता है और तो और जिसका सकल नहीं वो भी कुछ बोलके ही जाता है मुझे उम्मीद है आप इस पर जरूर ध्यान दीजियेगा ये पीड़ित लोग ज्यादा तक बिहार का ही है और दुःख है की गाऊ में बच्चे या बुजुर्ग दो मिलते है बाकि लोग दिल्ली,बॉम्बे या हर शहर में ऐसा लानत की जिंदगी जी रहा है कई बार न्यूज़ चैनल पर टीचर का दिखता है शायद आप लोग भी देखे होंगे अगर कुछ गलत हो तो छमा करे (अन्यथा लाइक शेयर या कमेंट करे )